kya neem karela therapy diabetes mein faydemand hai

26 Apr, 2025

क्या नीम करेला थेरेपी डायबिटीज में फायदेमंद है? जानिए कैसे

आजकल डायबिटीज (मधुमेह) एक आम समस्या बन चुकी है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में शर्करा (sugar) का स्तर लगातार बढ़ जाता है। इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, इस समस्या का इलाज करने के लिए पारंपरिक तरीके और आयुर्वेदिक उपाय भी काफी प्रभावी साबित हो रहे हैं। इनमें से एक विशेष उपाय है नीम करेला थेरेपी, जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। तो आइए जानते हैं कि क्या नीम करेला थेरेपी डायबिटीज में फायदेमंद है और कैसे यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।

 

नीम करेला थेरेपी क्या है?

 

डायबिटीज में नीम करेला का उपयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें प्राकृतिक उपचार की आवश्यकता होती है। नीम और करेला दोनों ही आयुर्वेद में काफी प्रसिद्ध औषधियाँ हैं, जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देती हैं। नीम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जबकि करेला (bitter melon) में प्राकृतिक इंसुलिन जैसा प्रभाव होता है, जो रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब इन दोनों का संयोजन किया जाता है, तो यह आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जा सकता है, खासकर डायबिटीज जैसे रोग में।

Shuddhi HiiMS में डायबिटीज के मरीजों के लिए नीम करेला थेरेपी का उपयोग किया जाता है, जो शुगर को नियंत्रित करने, रक्त संचार को सुधारने और शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करती है।

 

नीम करेला थेरेपी का तरीका

 

यह थेरेपी बहुत सरल है और आप इसे घर पर भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ सामान्य सामग्री की आवश्यकता होगी:

  1. 250 ग्राम नीम के पत्ते 
  2. 250 ग्राम करेला (bitter melon) 

इन दोनों को अच्छी तरह से धोकर मिक्सी में थोड़ा पानी डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एक परात में डालें और फिर इस पर मरीज को 20-25 मिनट तक अपने पैरों से इसको मथने के लिए कहें। पैरों के नीचे स्थित रिसेप्टर्स इस पेस्ट को शरीर में खींचते हैं और इसका असर शरीर के विभिन्न अंगों पर होने लगता है। लगभग 20-25 मिनट में यह स्वाद जीभ तक पहुंच जाता है और इसका असर दिखना शुरू हो जाता है।

 

नीम करेला थेरेपी के फायदे

 

  • शुगर को नियंत्रित करना: नीम और करेला दोनों ही रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। करेलो में प्राकृतिक इंसुलिन की तरह गुण होते हैं, जो शुगर को कम करने में मदद करते हैं। नीम के पत्ते शर्करा के अवशोषण को कम करने में मदद करते हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को स्थिर बनाए रखते हैं।

 

  • ब्लड सर्कुलेशन को सुधारना: इस थेरेपी से पैरों के रिसेप्टर्स के माध्यम से पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। इससे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे शरीर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।

 

  • प्राकृतिक उपचार: नीम करेला थेरेपी एक प्राकृतिक उपचार है, जिसमें कोई केमिकल पदार्थ नहीं होते। यह शरीर को दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से बचाने का एक सुरक्षित तरीका है।

 

  • जड़ी-बूटियों के लाभ: नीम और करेला दोनों ही जड़ी-बूटियाँ हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण शरीर को बाहरी विषाक्त तत्वों से लड़ने और इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। 
  • दीर्घकालिक लाभ: अगर आप नियमित रूप से नीम करेला थेरेपी का पालन करते हैं, तो इसका असर लंबे समय तक होता है। यह शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है और मरीजों को बिना दवाइयों के एक स्वस्थ जीवन जीने का मौका देता है।

 

क्या यह थेरेपी सभी के लिए है?

 

 

डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तहत नीम और करेला के फायदे अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं। लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को नीम या करेला से एलर्जी है, तो उन्हें यह थेरेपी नहीं करनी चाहिए। साथ ही, जिन लोगों का शुगर नियंत्रण पहले से सही है, उन्हें इसे केवल एक सहायक उपाय के रूप में उपयोग करना चाहिए, न कि इलाज के रूप में। यह थेरेपी विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जो प्राकृतिक उपचार के साथ अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं या जिनकी शुगर लेवल नियंत्रण में नहीं है।

 

 

निष्कर्ष

 

डायबिटीज एक गंभीर समस्या बन चुकी है, लेकिन इसके इलाज के लिए नीम करेला थेरेपी एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय हो सकता है। यह न केवल शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है, बल्कि रक्त संचार को भी सुधारता है और शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखता है। डायबिटीज का प्राकृतिक इलाज में नीम और करेला का संयोजन शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। अगर आप भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो इस थेरेपी को एक बार जरूर आजमाएं, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें। 

Shuddhi HiiMS में यह थेरेपी विशेषज्ञों की देखरेख में की जाती है, जो आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सही उपचार प्रदान करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

 

 

  1. नीम करेला थेरेपी से डायबिटीज का इलाज कैसे होता है?
    नीम और करेला के प्राकृतिक गुण शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
     
  2. क्या नीम करेला थेरेपी सभी के लिए सुरक्षित है?
    यदि किसी को नीम या करेला से एलर्जी है, तो उन्हें यह थेरेपी नहीं करनी चाहिए।
     
  3. नीम करेला थेरेपी कितने समय तक करनी चाहिए?
    इसे नियमित रूप से 20-25 मिनट तक किया जा सकता है, और दीर्घकालिक लाभ के लिए यह रोजाना किया जा सकता है।
     
  4. क्या नीम करेला थेरेपी में दवाइयों का उपयोग नहीं करना पड़ता?
    यह एक प्राकृतिक उपचार है, जिसमें कोई केमिकल दवाइयां नहीं होतीं, जो दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से बचने का एक तरीका है।
     
  5. क्या नीम करेला थेरेपी से शुगर के स्तर में तुरंत फर्क पड़ता है?
    इसके असर को देखने में कुछ समय लगता है, लेकिन नियमित उपयोग से शुगर स्तर में सुधार होता है।

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