Golden Therapy

29 Apr, 2025

क्या सच में गोल्डन थेरेपी कैंसर को हरा सकती है? जानें इसके फायदे और वास्तविकता

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के साथ-साथ मन और आत्मा को भी भीतर तक झकझोर देती है। इसका इलाज जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है एक ऐसा रास्ता चुनना जो शरीर को नुकसान न पहुंचाए। कल्पना कीजिए कि एक ऐसी थेरेपी हो जो न दर्द दे, न बाल झड़ाए, न उल्टी कराए, बल्कि धीरे-धीरे आपके शरीर को भीतर से इतना मजबूत बना दे कि बीमारी खुद हार मान ले। जी हां, हम बात कर रहे हैं Golden Therapy की, एक आयुर्वेदिक चमत्कार जिसे आचार्य मनीष जी की देख रेख में, Shuddhi HIIMS ने खास तौर पर कैंसर जैसे गंभीर रोग से लड़ने के लिए विकसित किया है।

जहां आधुनिक चिकित्सा में कीमोथेरेपी और रेडिएशन के साइड इफेक्ट्स मरीज को जितना इलाज करते हैं, उतना ही तोड़ते भी हैं, वहीं गोल्डन थेरेपी बिना किसी दुष्प्रभाव के एक प्राकृतिक समाधान के रूप में उभर रही है।

क्या सच में गोल्डन थेरेपी कैंसर को हरा सकती है? चलिए जानते हैं आयुर्वेद और विज्ञान के इस इस ब्लॉग में Golden Therapy की पूरी कहानी।


गोल्डन थेरेपी: आचार्य मनीष जी द्वारा निर्देशित कैंसर का आयुर्वेदिक समाधान

 

गोल्डन थेरेपी, आचार्य मनीष जी द्वारा निर्देशित एक विशेष आयुर्वेदिक उपचार है, जो शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तकनीकों पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना, कोशिकाओं को पुनर्जीवित करना और प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना है। यह थेरेपी न केवल कैंसर में असरदार थेरेपी के रूप में उभर रही है, बल्कि इसके परिणाम भी सकारात्मक बताए गए हैं।

गोल्डन थेरेपी का उपयोग कैसे किया जाता है?

 

Shuddhi HIIMS में इस थेरेपी को एक विशेष पेस्ट के रूप में तैयार किया जाता है जिसे मरीज के पैरों पर लगाया जाता है। इसके बाद “पैरों से मथने की प्रक्रिया” के जरिए शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2-3 बार दोहराया जाता है। इसके साथ ही एक नियोजित आयुर्वेदिक डिटॉक्स प्लान और सही खानपान का पालन भी जरूरी होता है ताकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सशक्त बनी रहे।



कैंसर से लड़ने के दो रामबाण नुस्खे



आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में विषाक्त तत्व जमा हो जाते हैं, तो वे अनेक रोगों को जन्म देते हैं। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में ये टॉक्सिन्स और भी अधिक सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में शरीर की आंतरिक सफाई यानी डिटॉक्सिफिकेशन बेहद जरूरी हो जाता है। गोल्डन थेरेपी और डिटॉक्स जूस का मेल कैंसर का प्राकृतिक इलाज करने में एक मजबूत विकल्प बनकर उभरता है। 


पैरों से मथन वाला आयुर्वेदिक उपचार

 

यह एक अनोखी आयुर्वेदिक थेरेपी है जिसमें विशेष औषधीय पत्तों और जड़ी-बूटियों से बना पेस्ट तैयार कर, उसे पैरों के तलवों से लगभग 40-45 मिनट तक मथा जाता है। यह प्रक्रिया शरीर के भीतर तक औषधीय गुणों को पहुंचाने में मदद करती है और डिटॉक्सिफिकेशन को तेज करती है। इसे रोज़ सुबह या रात को सोने से पहले करना सबसे अच्छा रहता है।

इस उपचार में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियाँ और मात्रा:

  • बरगद के पत्ते (20–30 पत्ते ): कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक

  • करेला (2–3): खून साफ करने वाला और कैंसर रोधी

  • अमरूद के पत्ते: सूजन कम करने वाले और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

  • नीम के पत्ते (50–100 पत्ते): संक्रमण से रक्षा और खून को शुद्ध करने वाले

  • पीपल के पत्ते (40–50 पत्ते): सांस और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने वाले

  • दूब घास: ठंडक देने वाली और सूजन घटाने वाली

  • कच्ची हल्दी (2 टुकड़े): प्राकृतिक कैंसर-रोधी गुणों से भरपूर

उपयोग की विधि:

 

इन सभी जड़ी-बूटियों को अच्छे से पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। फिर तैयार किये गए पेस्ट को एक बड़ी परात (जिस पर आप आसानी से खड़े हो सके) पर फैलाये और अपने पैरो के तलवों से धीरे-धीरे 40-45 मिनट तक मथने की प्रक्रिया करें। यह प्रक्रिया दिन में एक बार – सुबह या रात को सोने से पहले की जा सकती है।

 

लाभ:


यह पैरों से मथने की प्रक्रिया शरीर में औषधीय गुणों के अवशोषण को बढ़ाती है और अंदर से डिटॉक्सिफिकेशन करती है। यह एक प्राचीन और प्रभावी आयुर्वेदिक तकनीक है, जो कैंसर का प्राकृतिक इलाज प्रदान करने में सहायक मानी जाती है। इस थेरेपी को 40-45 मिनट तक मथने के बाद आपकी जीभ में थोड़ा कड़वापन आने लगेगा जैसा की इन सामग्रियों का स्वाद होता है , इस से यह साबित होता है की यह थेरेपी को आप सही से कर रहे है और यह काम कर रही है। 



आयुर्वेदिक डिटॉक्स: रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला जूस

 

यह जूस विशेष रूप से शरीर को डिटॉक्स करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें ढेरों औषधीय पत्तियाँ और सब्जियाँ होती हैं जो शरीर को भीतर से साफ करती हैं और ऊर्जा से भर देती हैं।

सामग्री:

  • बरगद के पत्ते – 2

  • पीपल के पत्ते – 2

  • अमरूद के पत्ते – 2

  • पान के पत्ते – 4–5

  • पुदीना – 15–20 पत्तियाँ

  • धनिया – 15–20 पत्तियाँ

  • करी पत्ता – 15–20 पत्तियाँ

  • हरी पत्तेदार सब्जी (मेथी/पालक/बथुआ/चौलाई) – 50–70 ग्राम

  • कच्ची हल्दी – एक बड़ा टुकड़ा

  • अदरक – एक छोटा टुकड़ा

  • आंवला – 1

  • चुकंदर – एक छोटा टुकड़ा

  • Alkaline पानी – अगर उपलब्ध हो तो

बनाने की विधि:

  1. सभी पत्तियाँ और सब्जियाँ अच्छे से धो लें।

  2. मिक्सर में सारी सामग्री डालें।

  3. आवश्यकता अनुसार थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाएं और पीस लें।

  4. जूस तैयार हो जाने के बाद तुरंत पिएं, सुबह खाली पेट इसका सेवन करना सबसे फायदेमंद होता है।

इन दोनों उपायों को आयुर्वेदिक थेरेपी कैंसर के लिए अपनाकर आप न केवल शरीर को अंदर से डिटॉक्स कर सकते हैं बल्कि इस बिना साइड इफेक्ट थेरेपी से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की शक्ति भी पा सकते हैं। ये उपाय न केवल कैंसर का प्राकृतिक इलाज प्रदान करते हैं, बल्कि इससे बचाव में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

 


गोल्डन थेरेपी का कैंसर उपचार में महत्व

 

कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज केवल शरीर के बाहरी लक्षणों पर ही नहीं, बल्कि अंदरूनी विषैले तत्वों को निकालने पर केंद्रित होता है। गोल्डन थेरेपी शरीर के साथ-साथ मन और आत्मा की भी शुद्धि करती है, जिससे मरीज को मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है। यह समग्र दृष्टिकोण ही आयुर्वेद को आधुनिक उपचारों से अलग बनाता है।

Shuddhi HIIMS में पंचकर्म, हर्बल स्टीम और गोल्डन थेरेपी का संयोजन किया जाता है, जिससे रोगी को एक गहराई से शुद्धिकरण और उपचार प्रक्रिया मिलती है। आचार्य मनीष जी के मार्गदर्शन में इस मिश्रण को खासतौर पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

 

Read More info: कैंसर से बचाव और उपचार के लिए आचार्य मनीष जी का सुझाया विशेष आयुर्वेदिक काढ़ा


गोल्डन थेरेपी के फायदे –

  • बिना साइड इफेक्ट थेरेपी: पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती: रोगों से लड़ने की क्षमता में इजाफा।

  • कोशिकाओं की मरम्मत: शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं।

  • शारीरिक और मानसिक संतुलन: समग्र स्वास्थ्य में सुधार।

ये सभी रूप इसे एक प्रभावी और भरोसेमंद कैंसर में असरदार थेरेपी बनाते हैं।

 

निष्कर्ष

तो क्या सच में गोल्डन थेरेपी कैंसर को हरा सकती है? यदि Shuddhi HIIMS और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण की बात करें, तो यह थेरेपी केवल उपचार तक सीमित नहीं रहती, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बढ़ावा देकर समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक मानी जाती है। गोल्डन थेरेपी के फायदे स्पष्ट हैं, बिना किसी साइड इफेक्ट, प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से समझाया गया। यह न केवल एक उपचार है, बल्कि आयुर्वेद से कैंसर का इलाज करने की दिशा में एक आशाजनक कदम है।

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Md,moinuddin

Name: Md,moinuddin Phone: 620483062 Disease: Livarkencar Comment: 9warskalakahi,kiyagoldantharepisethikhoga

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