शरीर में गांठ क्यों बनती है? जानें कारण और समाधान | Acharya Manish Ji

30 May, 2025
शरीर में गांठ क्यों बनती है? जानें कारण और समाधान | Acharya Manish Ji
कभी-कभी शरीर के किसी हिस्से में अचानक एक छोटी सी गांठ उभर आती है – बिना दर्द के, लेकिन चिंता देने वाली। लोग अक्सर घबरा जाते हैं और तुरंत सर्जरी या दवाओं की ओर भागते हैं। पर क्या हर गांठ गंभीर होती है? आयुर्वेद में इसे लेकर एक अलग दृष्टिकोण है। Acharya Manish Ji के अनुसार, कई बार यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है, जो शरीर को किसी आंतरिक विषैले तत्व से बचाने के लिए होती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शरीर में गांठ क्यों बनती है (Why are lumps formed in the body), इसके पीछे के कारण क्या हो सकते हैं, और इसे समझदारी से कैसे संभाला जाए।
शरीर में गांठ बनने का कारण क्या है?
शरीर में गांठ का कारण शरीर में इकट्ठे हुए toxins (विषैले तत्व), गलत खानपान, हॉर्मोनल असंतुलन, पुरानी सूजन या शरीर की रक्षात्मक प्रणाली का तरीका हो सकता है। शरीर जब किसी हानिकारक तत्व को बाहर नहीं निकाल पाता, तो उसे एक जगह इकट्ठा कर “गांठ” के रूप में सुरक्षित कर लेता है।
Acharya Manish Ji के अनुसार, आजकल हमारे खानपान में माइक्रोप्लास्टिक, केमिकल्स, और विषैले तत्व शामिल हैं जो शरीर से बाहर नहीं निकल पाते। शरीर इनसे खुद को सुरक्षित रखने के लिए एक रास्ता निकालता है – वह है गांठ या सिस्ट (Cyst) बनाना। यह शरीर का नेचुरल डिफेंस मैकेनिज्म है। इसलिए हर गांठ को कैंसर मान लेना सही नहीं है।
गांठें कितनी तरह की होती हैं?
- सिस्ट (Cyst) – यह liquid से भरी थैली होती है जो त्वचा के नीचे बनती है। यह अक्सर दर्दरहित होती है और शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकती है।
- ट्यूमर (Tumor) – यह ठोस बनावट होती है जो शरीर की कोशिकाओं के असामान्य विकास के कारण बनती है। ट्यूमर हार्मलेस (बेनाइन) भी हो सकता है और खतरनाक (मैलिग्नेंट) भी।
Ayurveda के अनुसार, जब शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर में गांठ का कारण बनता है। यह असंतुलन लंबे समय तक रहे, तो गांठें बनने लगती हैं।
आधुनिक चिकित्सा बनाम आयुर्वेद
आधुनिक चिकित्सा में गांठ दिखने पर तुरंत बायोप्सी, सर्जरी और दवाओं की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार बिना किसी दर्द या बढ़ोत्तरी के भी ऑपरेशन किया जाता है, जिससे शरीर पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।
वहीं, गांठ का आयुर्वेदिक इलाज शरीर को समझने और जीवनशैली को सुधारने से शुरू होता है। आयुर्वेद मानता है कि अगर गांठ स्थिर है, दर्द नहीं है और बढ़ नहीं रही, तो उसे छेड़ने की जरूरत नहीं है। Acharya Manish Ji का कहना है कि शरीर कभी भी बेवजह गांठ नहीं बनाता। जब शरीर किसी विषैले तत्व को बाहर नहीं निकाल पाता, तो उसे एक जगह इकट्ठा कर देता है – ताकि वह दिल, दिमाग जैसे जरूरी अंगों को नुकसान न पहुंचाए।
आयुर्वेदिक समाधान – सरल और असरदार
गांठ का आयुर्वेदिक इलाज केवल दवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर की आंतरिक सफाई और संतुलन पर ध्यान देता है। कुछ आसान और प्रभावी उपाय जो गांठ और ट्यूमर को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करते हैं
1. सात्विक आहार अपनाएं
शरीर में विषैले तत्व जमा होने से गांठ बनती है। इसलिए ताजे फल, सब्ज़ियाँ और प्राकृतिक भोजन खाएं। प्रोसेस्ड और केमिकलयुक्त चीज़ों से बचें।
2. प्राणायाम और योग से संतुलन बनाएं
योग और प्राणायाम से शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है, जिससे गांठ बनने का खतरा कम होता है।
3. तेल मालिश और स्टीम थेरेपी
तेल मालिश से रक्त संचार सुधरता है और स्टीम से शरीर की गंदगी बाहर निकलती है, जो गांठ को कम करने में मदद करता है।
4. पंचकर्म थेरेपी (Panchakarma Therapy)
जब शरीर में गहराई से विषैले तत्व जमा हों, तो पंचकर्म शरीर की डीप क्लीनिंग करता है। यह गांठ ट्यूमर का इलाज का प्राकृतिक तरीका है।
5. लीच थेरेपी ( Leech Therapy )
लीच थेरेपी खराब खून निकालने और सूजन कम करने में मदद करती है। यह प्राकृतिक और प्रभावी तरीका गांठ के इलाज में सहायक है।
6. तनाव कम करें
तनाव से शरीर की रासायनिक प्रणाली प्रभावित होती है, जो गांठ का कारण बन सकती है। ध्यान और संतुलित दिनचर्या बनाए रखें।
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निष्कर्ष
अब आप समझ चुके होंगे कि शरीर में गांठ क्यों बनती है (Why are lumps formed in the body) और इसका आयुर्वेदिक नजरिया क्या कहता है। हर गांठ को डर और इलाज का मामला न बनाएं। पहले उसकी प्रकृति को समझें – क्या वह बढ़ रही है? क्या दर्द दे रही है? अगर नहीं, तो बिना घबराए जीवनशैली में बदलाव करें। गांठ का आयुर्वेदिक इलाज, गांठ ट्यूमर का इलाज, और Cyst और Tumor का उपचार प्राकृतिक तरीकों से संभव है। Acharya Manish Ji के अनुसार, शरीर खुद आपकी रक्षा करता है, बस ज़रूरत है उसे समझने और सहयोग देने की।
FAQs
1. शरीर में गांठ का सबसे आम कारण क्या हो सकता है?
गलत खानपान, शरीर में जमा विषैले तत्व, हार्मोनल असंतुलन और पुरानी सूजन जैसे कारण शरीर में गांठ का कारण बन सकते हैं।
2. हर बार गांठ बनने का मतलब कैंसर होना जरूरी है क्या?
गांठ का बनना हमेशा गंभीर बीमारी का संकेत नहीं होता। कई बार यह शरीर की एक सामान्य और रक्षात्मक प्रक्रिया होती है।
3. आयुर्वेद गांठ के इलाज को किस तरह देखता है?
आयुर्वेद गांठ को शरीर की आंतरिक गड़बड़ी का संकेत मानता है और गांठ का आयुर्वेदिक इलाज जीवनशैली सुधार, आहार, प्राणायाम और पंचकर्म से करता है।
4. ऑपरेशन से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अगर गांठ दर्दरहित है, आकार में नहीं बढ़ रही और पुरानी है, तो पहले उसकी प्रकृति को समझकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
5. आयुर्वेद के अनुसार शरीर में गांठ का कारण क्या बताया गया है?
आयुर्वेद मानता है कि वात-पित्त-कफ के असंतुलन और शरीर में जमा अपशिष्ट शरीर में गांठ का कारण बन सकते हैं, जिसे संतुलित जीवनशैली से संभाला जा सकता है।